पहली नजर (chapter-1)
...
एक प्यार जो हर कोई कभी न कभी किसी न किसी से कर ही लेता है और जब वो प्यार समझ आना शुरू होता ही है की तभी, ना जाने कैसे हम उससे दूर हो जाते है और उस मोहब्बत के बिछड़ने का गम लेकर ये पूरी जिंदगी बिना किसी शिकायत के जिम्मेदारियों के बीच कट जाती है, पर किसी कोने में दबी उस प्यार की कसक कभी - कभी यूही आंखों में उतर आती है और वैसे भी कहा जाता है कि, सच्ची मोहब्बत हमेशा अधूरी ही रहती है।
कुछ ऐसी ही कहानी है मेरी :
प्यार जिसे बयां करना भी एक मुश्किल इम्तेहान है।
किससे कहू, की एक खामोश सी मोहब्बत ही इस कहानी का मुख्य किरदार है!
ये कहानी तब शुरू हुए थी, जब मैं कॉलेज में पढ़ता था और कॉलेज से दूर एक कॉफ़ी स्टोर हुआ करता था। वैसे तो मैं चाय का शौकीन हू पर वहाँ कॉफ़ी के साथ किताबे भी पढ़ने को मिलती थी और वो भी शायरी और ग़ज़लों की, इसलिए मैं अक्सर वहाँ जाता था और तभी एक दिन मेरी नजरें एक चेहरे पर थम सी गयी!
उस रोज मैं चैन से कही रह नही पा रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे कुछ छोड़ आया हू मैं उसके पास, जैसे उसने कुछ ऐसा मुझसे मेरा ले लिया है जो बार - बार मुझे मजबूर करने लगा उसे देखने के लिए, उसके पास जाने के लिए ।
अब क्या कहू मैं?
वो बहुत खूबसूरत थी! वो कुछ ऐसी थी, की जब धूप की किरणें भी उसपर पड़ती थी न तो वो जैसे चमक सी जाती थी।
उसके चेहरे को जब उसके बालो की लटे छूती थी, तो ऐसा लगता था जैसे
काले बादलों में छिपा चाँद हो।
उसके होठो की मुस्कान कुछ ऐसी थी, जैसे शीप से निकला मोती हो।
उसकी आंखें यू तो बहुत साधारण सी थी, पर लगता था जैसे हज़ारो कहानियां खुद में समेटे हो।
कुछ इतनी ही खूबसरत और इतनी ही शांत थी, ऐसे लगता था जैसे कुछ किस्सो के जवाब ढूंढती थी वो, ऐसा लगता था जैसे भीड़ में रहकर भी अकेले ही रहती थी वो।
ये कहानी उसे ऐसे ही बस देखते रहने से शुरू हुई थी, मैं अक्सर सिर्फ उसे देखने के लिए कॉलेज की क्लासेज छोड़ने लगा। हर रोज़ सिर्फ उसे देखने के लिए, मैं अपने हॉस्टल से कुछ 6 किमी० दूर बाइक से जाने लगा। चाय का शौकीन होने के बाद भी मुझे अब कॉफ़ी ज्यादा पसंद आने लगी थी।
अब तो मैं उसके घर का पता भी जान चुका था, उसकी पसन्दीदा कॉफ़ी जो वो अक्सर पिया करती थी, उसके कपड़ो के वो रंग जो कई बार एक जैसे ही होते थे वो लाल रंग जो शायद उसको पसन्द था, वो सब अब मुझे मुझसे ज्यादा जरूरी लगने लगे थे। ऐसा लगता था जैसे मैं उसके चेहरे, उसकी आँखों के सवालों में उलझ सा गया हूं ऐसा लगता था, जैसे कि ये जो उसे देखने का पल है ये यही ठहर क्यों नही जाता।
कुछ ऐसे ही कई दिनों तक चलने के बाद एक दिन मौका आया उससे कुछ कहने का, उस रोज वो अनजाने से ही सही पर, बिल्कुल मेरे पास आकर खड़ी थी। अपने इतने करीब उसे पाकर मैं उसे महसूस करने की कोशिश में ही था, कि उनके बीच चलने वाली एक बात सुनते ही, जैसे पैरो के नीचे से जमीन खिंच गयी। उससे उसकी एक दोस्त को बोलते सुना, कि वो उसके पापा की अचानक मृत्यु के समय उसके साथ नही थी, उसके लिए वो उससे माफी मांग रही थी। अब ऐसा सुनते ही ऐसा लगा जैसे कि मैं क्या करने जा रहा था, क्या मैं बिना उसकी मायूसी का कारण जाने ही उसे परेशान करने की कोशिश में था, शायद मुझे उसकी खामोशियो का मतलब समझना चाहिए था।
उसकी खामोशियो ने शोर तो बहुत मचाया था ।
पर आंखों पर मेरी, प्यार के खुमार ने पर्दा लगाया था ।
ये सब जानने के बाद मन में ये आया कि, पास तो मैं उसके गया नही पर दूर जरूर जा सकता हूं और अब बस यही सोचकर मैंने अपने खयालो की उड़ान को, रोकने का फैसला कर लिया और खुद में सोचने लगा कि मेरा दूर जाना ही सही है। तभी वो पलटी और मेरी आँखें उसकी आँखों से कुछ पल के लिए टकराई और फिर दूर से ही उसके चेहरे को देखते हुए ये सोचा कि वो मुझसे प्यार ना भी करे, लेकिन उसके चेहरे की मुस्कान मुझे वापस लानी चाहिए और बस मैंने अपने खयालो में उड़ रहे मोहब्बत के परिंदो को समेटा और फैसला किया कि मैं उससे बात करूंगा, उससे दोस्ती करूँगा और उसकी उस मुस्कान को वापस लाऊंगा, जो मेरे मुस्कुराने की वजह बनेगी।
एक रोज़ की ये कहानी है!
आसमां में है बादल और आंखों में भरा पानी है।
उसे सोचकर ही मैं, मैं नही रहता हूं!
अब क्या कहू उसको की, वही जीने की वजह वही मेरी जिंदगानी है।
...
वो मुलाकात का दिन भी बड़ा हसीन था।
वो लाल ड्रेस में थी और मौसम रंगीन था।
वो सामने थी मेरे पर मैं अभी भी उससे बहुत दूर था।
उससे बात कैसे करे ये मुद्दा बड़ा संगीन था।
वो मुलाकात (chapter-2)
To be continued...
Abe college ke pass koun sa coffee Shop tha be.....💖☺
ReplyDeleteAbe bhai tha tu bhul rha h... Yaad kr
Deleteजो लफ़्ज़ों में बयां हो वो मोहब्बत नही होती, एहसास को समझने वाले कद्र दान कहाँ महफ़िल में??
ReplyDeleteमोहब्बत क्या होती है ये तो हम जानते नही ।
Deleteपर जिसके एहसास भर से ये दिल भर आये, कहो उसे क्या कहे ??
Part 2 ka mujhe intazar rahega .....
ReplyDeleteTaiyari joro pr hai
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