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वो मुलाकात (chapter-2)
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यू तो मोहब्बक्त क्या है, ये मैं नही जानता पर इतना जरूर समझ आने लगा था कि मोहब्बक्त सिर्फ किसी को हासिल करना या किसी पर हक़ जताना नही होता तो आखिर मोहब्बक्त है क्या?
मुझे याद है, उस रोज जब मैंने ये फैसला तो कर लिया कि उसे मुस्कुराने की वजह वापस दूंगा, उससे दोस्ती करूँगा उसे उन सब से दूर करूँगा जिससे उसे दुख होता हो। पर अब ये सब होगा कैसे, मैं उससे बात की शुरुवात कैसे करूँगा? अब ये सारे सवाल मेरे जहन में घूम रहे थे।
मैं जिसका लड़कियों से बात करने के मामले में हाथ बहुत तंग था। मेरे लिए किसी लड़की से बात करना ऐसे ही था जैसे कॉलेज में पासिंग मार्क से पास होने वाले का टॉप करने की कोशिश करना, ये दोनों ही नामुमकिन से थे।
अब हालात कुछ यूं है कि कुछ कर नही सकता।
बात करने की कोशिश में उसे खो नही सकता।
वक़्त आएगा किसी रोज़ जरूर उसे जी भर के देखने का भी,
हाल तो ऐसा है कि इस इंतज़ार में मैं मर भी नही सकता ।
अब ऐसे में दोस्तो का सहारा लेना लाज़मी सा था, पर उसकी खामोशी की वजह ने उन्हें भी खामोश कर दिया था। अब ऐसे में हर समय, सिर्फ उससे बात और मुलाकात कैसे हो बस यही दिमाग मे घूम रहा था। अगले 4 6 दिन यूही गुजर गए और फिर एक दिन यूही उससे मुलाकात हुई, या कहिये की बात हुई या फिर शायद बस वो बोली और मैं बेसुध खड़ा रहा।
हुआ कुछ ऐसा, की एक दिन हम दोस्तो ने मूवी देखने का प्लान किया और पास के एक मॉल चले गए। हम गेट पर पहुचते उससे पहले ही एक छोटे बच्चे ने मेरे पैर पकड़ लिए और पैसे मांगने लगा, मैं उसे पैर छोड़ने के लिए कहते हुए 10रु● का नोट जेब से निकाल ही रहा था कि, पीछे से आवाज़ आयी हेलो सुनो, और वो आवाज़ कुछ ऐसी थी कि मैं मजबूर हो गया पलटने के लिए और जब पलटकर देखा तो सामने वही खड़ी थी, वो क्या था कि मैं अक्सर उसे खामोश ही देखता था, कुछ खास उसकी आवाज़ मैंने सुनी नही थी इसलिए समझ नही पाया और वो दिन था जब उसने अपनी खामोशी तोड़ी और मैं खामोश हो गया। वो बोली इन्हें पैसे देने से अच्छा है कुछ खाने को दे दो, ये पैसो का गलत इस्तेमाल करते है। यही कहते हुए उसने अपने हाथ का चिप्स का पैकेट उस बच्चे को दिया और वहा से चली गयी। मैं खामोश वही खड़ा रहा, मेरे जेहन में बस यही चल रहा था कि
यू अचानक सामने आकर किसी दिन सांसे रोक दोगी तुम!
मैं कैसे जीऊंगा तब जब मेरे सामने नही होगी तुम!!
तभी उस बच्चे ने मुझे आवाज़ दी, भैया अब जैसे मैं नींद से जागा उसे पैसे दिए और मैं अंदर दोस्तो के पास पहुचा।
वो भी वहां से कुछ दूरी पर मौजूद थी। दोस्तो के पूछने पर मैंने उन्हें वो सब बताया और तभी मेरे एक दोस्त ने कहा कि तू चुपचाप रह गया, उसको थैंक्यू तक नही बोला। तब मुझे लगा कि हा यार ये तो अच्छा बहाना था, बात करने का और फिर क्या दोस्त तो होते ही है, चढ़ाने के लिए। तो मैं पहुच गया उसके पास और हर उस लड़के की तरह, जिन्हें इंग्लिश आती नही है फिर भी लड़की के सामने इंग्लिश में ही बोलते है, मैंने भी कहा excuse me वो पलटी और मैंने उसकी आँखों से अपनी नजरे हटाते हुए उससे कहा thank you for the suggestion. उसने एक हल्की सी मुस्कान के साथ कहा welcome. मैंने ना जाने क्या सोच कर उससे पूछ लिया will you have a cup of coffee with me. वो आश्चर्यचकित होते हुए थोड़ा मुस्कुरा के बोली- क्या कहा तुमने? मैं थोड़ा सा सहम गया और कभी अपनी आंखों को मिचता, तो कभी अपनी उंगलियों को मोड़ता और फिर मैंने कहा, sorry मैं असल मे आपको कॉफ़ी के बाद thank u कहने वाला था, लेकिन नर्वस हो के पहले ही बोल दिया, इसलिए अब कॉफ़ी के लिए पूछ रहा हू, और वो गुस्से से मना कर के चली गयी।
पर अब मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी थी, अब मैं जब उसे देखता तब कॉफ़ी के लिए ही इशारा करता और वो मुँह फेर के वहां से चली जाती। ऐसे ही कुछ दिन निकल गए और एक दिन अचानक उसने कॉफ़ी के लिए हाँ कर दी, शायद वो ऊब गयी थी या फिर क्यों बस हाँ कर दिया, अब तो मैं जैसे हवा में उड़ रहा था।
वो पल भी कितना हसीन था।
जैसे आसमां से मिल रहा जमीं था।
वो हवाएं वो मौसम सब जैसे रुके से थे,
ये कैसा लम्हा था जो मेरे इतने करीब था।
आज आखिर में वो पल था जब वो एकदम मेरे सामने बैठी थी, ऐसे लग रहा था जैसे मैं किसी ख्वाब में हु, वहां चल रहा गाना भी जैसे हमारे लिए ही बज रहा था, वहां लोग तो बहुत थे पर ऐसा लग रहा था, जैसे सिर्फ वही मौजूद है और तभी वेटर आया,
मैने अपनी दिखावे वाली इंग्लिश को किनारे रखा और उससे कहा आप आर्डर कीजिये, तो उसने कहा आप ही कुछ मंगा लीजिये आप ही परेशान थे। मैं थोड़ा मुस्कुराया और मैं तो उसकी पसंद जानता ही था, जैसे ही मैंने वेटर को आर्डर दिया उसने जैसे मेरी चोरी पकड़ ली और कहा तुम कैसे जानते हो कि मैं यही कॉफ़ी पीती हु? मैं तो बातो के इंतज़ार में था, तो मैंने हल्की मुस्कान फेरते हुए कहा- सुना है खूबसूरती के लिए लोग यही कॉफ़ी पीते है और वो मुस्कुराने लगी मैंने फिर कहा, आपकी मुस्कान जब आपके चेहरे को इतना खूबसूरत बना रही है, तो जब आप हसेंगी तो लगता है मैं तो शायद कही खो ही जाऊंगा। अब वो मेरे फ़्लर्ट को समझ चुकी थी और उसने पूछा कि, वैसे हसने और मुस्कुराने में फर्क क्या है? मैंने कहा मुस्कान चेहरे पर होती है और हँसी दिल में। वो ना जाने क्यों मेरे हर जवाब पर खूब हस रही थी और उसे हँसता देख मैं भी खुश हो रहा था।
अब उसे मेरे नाम की जरूरत पड़ी फिर नाम और पहचान का सिलसिला चला और देखते ही देखते वो पल आंखों से ओझल होने को था। तभी वो उठी और जाने को कहने लगी, मैंने उससे कहा रोकने का हक़ तो नही है, पर जाने को कह भी नही सकता।
वो फिर मुस्कुराई और कहने लगी कि तुम फ़्लर्ट बहुत करते हो यही कहते हुए वो जाने लगी। मैं बस ये सोच रहा था कि ये पल कुछ देर के लिए यही थम जाता पर ऐसा होता नही है और वो धीरे धीरे मेरी आँखों से ओझल होने लगी। मैं दौड़ के पीछे गया और उससे कहा बाइक से छोड़ दु बाहर धूप बहुत है? वो पलटी मैंने फिर कहा, बस आखिरी बार इसके बाद पता नही आप मेरी तरफ देखेंगी भी या नही, उसने कहा ठीक है फिर मैंने उसे बाइक पर बिठाया और बिना उससे रास्ता पूछे ही उसके घर पहुँच गया। अब वो शायद समझ चुकी थी कि मैं पहले से उसका पीछा कर रहा हु पर वो कुछ नही बोली, मैं तबतक इंतज़ार में था वो मुझे रोकेगी और मुझसे मेरा फोन नंबर मांगेगी या अपना देगी, पर उसने कुछ नही कहा और जाने को कह दिया। मैं समझ गया कि वो मुझसे दुबारा नही मिलेगी, अब ऐसा लग रहा था जैसे मेरा सबकुछ वही पीछे छूट गया है, ऐसा लग रहा था जैसे मैंने उसे बिना पाए ही खो दिया हो।
मैं वापस आ गया और उस कॉफ़ी शॉप जाना मैंने छोड़ ही दिया। कुछ 10 दिनों के बाद मेरे फेसबुक पर एक Hiii का मैसेज आया और जब मैंने देखा तो वो मैसेज उसी का था। और फिर...
उस शुरुवात से दिल झूम उठा था।
अब जैसे मोहब्बक्त का परिंदा भी परवान चढ़ा था।
अब बस उसे पाकर खुद को उसे सौप देना है।
उससे पहली नजर का इश्क़ है ये बोल देना है।
...
कुछ घाव दिल पर ऐसे होते है जो दिखते नही कभी, पर वो बचपन की उस चोट के जैसे होते है जिनका निशान पूरी जिंदगी रहता है।
मोहब्बक्त (chapter-3)
To be continued...
Baba movie kahe ni bana raha mast romantic plot hai pura . Jaldi tisra bhi bhejna.
ReplyDeleteThnk u for the compliment... Jldi 3sra aayega...
DeleteWell tried buddy... Best is yet to come though!
ReplyDeleteThnk u bhai...
DeleteWah
ReplyDeleteDhnywad bhavish bhai...🙏
DeleteIt's too amazing so romantic and sweet ...it should be in a book ... speechless....keep it up ...
ReplyDeleteThankss for this compliment... If you all support then definitely do that🤗👍
DeleteIt's too good ... really appreciate...you should write a book .. amazing
ReplyDeleteThank u for your compliment... I am preparing myself to write a book in future (hope so)🤗😍
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