मैं माफी चाहता हू क्योंकि ये ब्लॉग थोड़ा लम्बा हो गया है पर आप सभी से एक ही बिनती है कि इसे आखिरी तक पढ़े-
मैंने पढ़ी है एक किताब!
जिसमे लिखे है जीवन सभ्यता के जवाब!
जवाब देने वाले का होना भी एक सवाल था।
सबको पता है ये मुद्दा राजनीति के लिए बेमिसाल था।
जिसमे लिखे है जीवन सभ्यता के जवाब!
जवाब देने वाले का होना भी एक सवाल था।
सबको पता है ये मुद्दा राजनीति के लिए बेमिसाल था।
मैं करता हु सादर प्रणाम अपने प्रभु को,
जिन्होंने सिखायी जीवन जीने की सभ्यता हम सभी को!
जिन्होंने सिखायी जीवन जीने की सभ्यता हम सभी को!
ये कहानी उनकी है जिन्हें जानते सब है, पर पहचानना कोई नही चाहता था।
ये कहानी उनकी है जो रहते तो सबके दिलों में है, पर जुबान पर कोई नही लाना चाहता था।
ये कहानी है उनकी जिन्हें मानने वालों ने उन्हें सरआंखो पर बैठा रखा है।
ये कहानी उनकी है जिन्हें ना चाहने वालो ने आजतक, बस बहस का मुद्दा बना रखा है।
ये कहानी उनकी है जो रहते तो सबके दिलों में है, पर जुबान पर कोई नही लाना चाहता था।
ये कहानी है उनकी जिन्हें मानने वालों ने उन्हें सरआंखो पर बैठा रखा है।
ये कहानी उनकी है जिन्हें ना चाहने वालो ने आजतक, बस बहस का मुद्दा बना रखा है।
ये कहानी उनकी है, जो पिछले 500वर्षों से अपनी ही जमीन पर अपना हक मांग रहे थे।
ये कहानी उनकी है, जो ना जाने कितने ही बरसो से बस राजनेताओ के लिए राजनीति का मुद्दा बन कर रह गए थे।
ये कहानी उनकी है, जो ना जाने कितने ही बरसो से बस राजनेताओ के लिए राजनीति का मुद्दा बन कर रह गए थे।
ये कहानी है 'श्री राम' की जिन्होंने धर्म की नींव रखी थी।
वही 'श्री राम' जिन्होंने अपने पिता के वचनों का मान रखने के लिए 14बरस का वनवास काटा था।
वही 'श्री राम' जिन्होंने एक साधारण पुरुष रहते हुए भी कितने ही असाधारण काम किये थे।
वही 'श्री राम' जिन्होंने अपने पिता के वचनों का मान रखने के लिए 14बरस का वनवास काटा था।
वही 'श्री राम' जिन्होंने एक साधारण पुरुष रहते हुए भी कितने ही असाधारण काम किये थे।
ये राजनेता अपनी सोच हमपर थोपते जा रहे है।
इन्होंने मुद्दे के लिए गरीबी, भष्टाचार, गुंडागर्दी को तो बढ़ावा दिया ही पर इन्होंने परमात्मा को भी नही छोड़ा। उन्हें भी इस राजनीतिक दलदल में घसीटते रहे। लेकिन फिर भी हमने आजतक आवाज़ बुलंद नही की इनके खिलाफ, हमने आजतक उनसे ये नही पूछा कि जिसने हमारी मान्यताओ के अनुसार इस सृष्टि की रचना की हम उन्ही के एक रूप को उन्ही की बनाई धरती पर उन्हें जगह क्यों नही दिला पा रहे थे।
इन्होंने मुद्दे के लिए गरीबी, भष्टाचार, गुंडागर्दी को तो बढ़ावा दिया ही पर इन्होंने परमात्मा को भी नही छोड़ा। उन्हें भी इस राजनीतिक दलदल में घसीटते रहे। लेकिन फिर भी हमने आजतक आवाज़ बुलंद नही की इनके खिलाफ, हमने आजतक उनसे ये नही पूछा कि जिसने हमारी मान्यताओ के अनुसार इस सृष्टि की रचना की हम उन्ही के एक रूप को उन्ही की बनाई धरती पर उन्हें जगह क्यों नही दिला पा रहे थे।
ये बात करते है सेक्युलरिजम की, वो सेक्युलरिजम जो इन्हें सिर्फ तब याद आता है, जब कोई मन्दिर में आता है, जब कोई तिलक लगाता है, जब कोई धार्मिक भोज कराता है। ये लोग तब कहा रहते है, जब इसी सेकलुरिजम की धज्जियां उड़ाई जाती है दंगे फैला कर, पत्थर मार कर और ऐसे ही ना जाने कितने हादसे इसी सेकलुरिजम का दिया हुआ इनाम है जिससे इन्हें दिक्कत नही होती क्योंकि यहां आंसू बहाकर सब अपना राजनीतिक कद बढ़ाते है।
पर अब समय बदल रहा है, अब वो युग वापस हमे लाना है जहाँ हम फिर अधर्म पर धर्म की विजय प्राप्त करेंगे।
अब हम उन्हें जवाब ये देंगे, कि हम भले ही कितने पढ़े लिखे और उच्चस्तरीय जीवनशैली के क्यों न हो जाये, अपनी आस्था से मज़ाक हमे गवारा नही है।
और अब अगर किसी ने भी प्रभु 'श्री राम' के मंदिर में किसी तरह की रुकावट बनने की कोशिश की तो उसे करारा जवाब मिलेगा।
अब हम उन्हें जवाब ये देंगे, कि हम भले ही कितने पढ़े लिखे और उच्चस्तरीय जीवनशैली के क्यों न हो जाये, अपनी आस्था से मज़ाक हमे गवारा नही है।
और अब अगर किसी ने भी प्रभु 'श्री राम' के मंदिर में किसी तरह की रुकावट बनने की कोशिश की तो उसे करारा जवाब मिलेगा।
मैं मांगता हूं सत्यता उनके भी होने की जो मेरे प्रभु का साक्ष्य ढूंढते है। हम इतने सालों से अपने ही भगवान के होने की लड़ाई लड़ रहे थे। वो जिन्होंने एक ऐसे युग की शुरुवात की जिसे आज भी 'सुशासन' माना जाता है।
ये उसी "सनातन धर्म" के संस्थापक है जिस धर्म ने लोगो को सिद्धि, शालीनता, सत्य और वचनबद्ध होना सिखाया है।
ये उसी सनातन धर्म के पालनहार है, जिसे आज पूरी दुनिया एक सभ्यता के रूप में मानती है।
ये वही सनातन धर्म है, जिसका हम अपने ही देश मे रहते हुए इसकी महानता जानते हुए भी अनुसरण नही करते है।
ये उसी सनातन धर्म के पालनहार है, जिसे आज पूरी दुनिया एक सभ्यता के रूप में मानती है।
ये वही सनातन धर्म है, जिसका हम अपने ही देश मे रहते हुए इसकी महानता जानते हुए भी अनुसरण नही करते है।
वो सनातन धर्म जो इंसान को इंसान की अहमियत सिखाता है।
वो सनातन धर्म जो सिखाता है, कि अधर्म पर धर्म की विजय अवश्य होती है।
वो सनातन धर्म जो हमे सिखाता है, कि आत्मविश्वास और दृढ़संकल्प हमारे सबसे बड़े हथियार है।
वो सनातन धर्म जो सिखाता है, कि अधर्म पर धर्म की विजय अवश्य होती है।
वो सनातन धर्म जो हमे सिखाता है, कि आत्मविश्वास और दृढ़संकल्प हमारे सबसे बड़े हथियार है।
मुझे पूछना है उन बुद्धिजीवियों से एक सवाल की क्यों ये बार बार अपनी बोली अपने भासड़ो से हदे पर करते है, ये क्यों हर बार हमारी आस्था का मजाक उड़ाते है, क्यों ये राजनीतिक कीड़े एक बार फिर हमारे बनने जा रहे राम मंदिर के रास्ते मे रुकावट बनने की कोशिश कर रहे है।
मुझे इस बात का गुस्सा है कि अगर हमने जिनसे लड़कर अपना ये हक़ वापस पाया है, अगर वो इसे जीत लेते तो क्या कोई आता बोलने वाला।
कोई आता पूछने की इसके बनने से क्या फायदा होगा?
कोई करता सवाल की एक और लाउडस्पीकर क्यों बजाना है।
कोई आता पूछने की इसके बनने से क्या फायदा होगा?
कोई करता सवाल की एक और लाउडस्पीकर क्यों बजाना है।
नही कोई नही आता क्योंकि एक डर जो उन्होंने अपनी एकजुटता से बना रखा है, वो डर हमने कभी बनाया ही नही।
वो डर जो ये अपनी मांगे पूरी कराने के लिए रोड पर उतर आते है हाथ मे पत्थर लेकर, वो डर हमने बनाया ही नही।
वो डर जो ये अपनी मांगे पूरी कराने के लिए रोड पर उतर आते है हाथ मे पत्थर लेकर, वो डर हमने बनाया ही नही।
क्योंकि हमने रामायण से एक बात सीखी है कि
(जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी) "हमारा धर्म ही हमे सिखाता है, की मातृभूमि का स्थान सबसे पहले आता है!"
और जब हम अपनी मातृभूमि के लिए मर सकते है, तो अपने इस धर्म को बचाने के लिए क्या करेंगे, जो हमे ये भी सिखाता है कि ये धरती हमारे लिए "धरती माँ" है क्योंकि ना मानने वालों के लिए तो ये सिर्फ एक मिट्टी है।
जिस भी दिन हम भड़क गए तो चेता दो उन्हें की जिस मिट्टी को हम अपने माथे से लगाते है उसी मिट्टी में उन्हें खाक भी कर सकते है और सारी राजनीतिक लंका को एक पल में ही उखाड़ फेक सकते है।।
मैं करता हू सावधान उनको जो एक तरह का चश्मा लगाते है।
सही को गलत लेकिन गलत को सही बताते है।
अभी भी वक़्त है खुद को झकझोर लो मेरे देश के वासियों,
ये नेता है वोट की खातिर तुम्हे अच्छा और हमे बुरा बनाते है।
सही को गलत लेकिन गलत को सही बताते है।
अभी भी वक़्त है खुद को झकझोर लो मेरे देश के वासियों,
ये नेता है वोट की खातिर तुम्हे अच्छा और हमे बुरा बनाते है।
🙏"🚩जय श्री राम🚩"🙏
Jai shree ram
ReplyDeleteJai shree ram🙏
DeleteBahot khub
ReplyDeleteDhnywad
DeleteLajawaab likha hai bhai.... Excellent.
ReplyDeleteजय श्री राम🙏🙏🙏
जय श्री राम 🙏🙏🙏
Deleteजय जय सीता राम..🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteजय श्री राम🙏🙏🙏
Deleteअतीव सुन्दर।
Deleteधन्यवाद!
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