मुझे याद है आज भी वो आखिरी मुलाकात...वो आखिरी लम्हा जिसकी परछाई वक़्त के साथ धुंधली तो पड़ गयी पर वो चेहरा आज भी कभी कभी यादों की बारात लेकर मेरे सामने ऐसे आ जाता है, जैसे ये सबकुछ अभी कल की बात हो।...
वो जब आयी थी उस रोज मुझसे मिलने तो उसके चेहरे के हाव-भाव कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहे थे।
उसके माथे पर वो बिंदी भी नही थी जो वो अक्सर सिर्फ मेरे लिए लगाया करती थी।
वो आंखों के काजल काफी हद तक धूल चुके थे, जैसे पूरी रात आंखों से बहते आंसुओ ने उसके गालो पर काली लकीरे बनाई होंगी।
वो जुल्फों को समेटकर बांधे हुए थी जैसे, उसने अब वो बालो को छोड़ मुझे ना रिझाने का फैसला कर लिया हो।
वो होठो की सुर्खियां बता रही थी कि अब उनपर वो खिलखिलाती मुस्कान नही दिखेगी जिन के आगे मैं हर बार हार जाता था।
उसके माथे पर वो बिंदी भी नही थी जो वो अक्सर सिर्फ मेरे लिए लगाया करती थी।
वो आंखों के काजल काफी हद तक धूल चुके थे, जैसे पूरी रात आंखों से बहते आंसुओ ने उसके गालो पर काली लकीरे बनाई होंगी।
वो जुल्फों को समेटकर बांधे हुए थी जैसे, उसने अब वो बालो को छोड़ मुझे ना रिझाने का फैसला कर लिया हो।
वो होठो की सुर्खियां बता रही थी कि अब उनपर वो खिलखिलाती मुस्कान नही दिखेगी जिन के आगे मैं हर बार हार जाता था।
वो आयी और उसने कहा कि इस दुनिया की भीड़ में बहुत मिलेंगे जो तुम्हे मुझसे ज्यादा चाहेंगे, जो तुम्हारी खुशियो को और बढ़ाएंगे, जो तुम्हारा साथ देने को पूरी दुनिया से लड़ जाएंगे, पर मैं तुम्हारे प्यार काबिल नही हू। मैं उन सारे वादों को आज तोड़ने आयी हु, जिसमे मैंने जिंदगी भर के लिए तुम्हारा साथ मांगा था, पर ये हो ना सका। मैं तो इतनी लाचार हु की मैं अपनी जान भी नही दे सकती और फिर ये कहते हुए वहां से जाने लगी कि अब उस मोहब्बक्त की किताब को जला दो जिसके आखिरी पन्ने तक पहुचना नामुमकिन है।
ऐसा लग रहा था जैसे वो आंसुओ से सौदा कर के आयी हो कि मेरे सामने वो आंखों से बहेंगे नही।
मैं कुछ बोल नही पाया क्योंकि पहले ही मिलने पर मेरे कुछ भी ना बोलने का उसने वादा लिया था।
वो क्या था न कि प्यार तो दोनों ने ही पूरी सच्चाई से किया पर इस खोखली दुनिया के दिखावे में सच्चाई का मोल कहा।
और कुछ दूर जाकर वो पलटी और दौड़कर मेरे गले ऐसे लगी जैसे इससे पहले हम गले लगे ही ना हो, ऐसे जकड़ा हमने एकदूसरे को जैसे बहती हवाओ ने भी हमारे बीच आने से मना कर दिया हो और आखिर में उसने मेरे कानों में कहा की सबकुछ नामुमकिन सा तो है, पर तुम्हे याद कर के मुस्कुराने का जो सुकून है, वो काफी है जीने के लिए। तुम्हारे साथ गुजरे पलो की गवाही ये आंखे ये धड़कन हमेशा देती रहेंगी, की कोई मिला था मुझे जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था और इस बार ख्याल रखना अपना बोलते हुए, वो वहां से चली गयी और फिर हम कभी नही मिले।
लेकिन जब देखता हूं इन उड़ते बादलो को तो लगता है जैसे उसने अपनी आंखों से इनमे रंग भरकर मुझतक भेजा है...
और बस यूही आसमानों की तरफ देखते देखते सबकुछ धुँधला हो गया।
और इस तरह हमदोनो का एकदूसरे के लिए वो प्यार गुजरा हुआ एक लम्हा हो गया।
मोहब्बक्त, इबादत, दिल्लगी और ये नशा शराब का।
कमबख्त ये दुनिया क्या समझेगी, कर्ज़ उसके दिए गुलाब का।
कमबख्त ये दुनिया क्या समझेगी, कर्ज़ उसके दिए गुलाब का।
Deeply saddened
ReplyDeleteWait for my new blog, you will be happy...
DeleteSo interesting
ReplyDeleteThank u
DeleteI am a great fan of you😍😘
ReplyDeleteSoon you will be greatest... Thank u
DeleteSo interesting bro..I will be waiting for your new blog..
ReplyDeleteI am ,your big fan.
Thank u bhaiya...
DeleteBest part was the shayari❤️ loved that..
ReplyDeleteYaa two lines are describe everything... Thank u
Deleteएक वायरस मेरा कीमती ख़जाना ले गया
ReplyDeleteदोस्तों के साथ बैठे हुए जमाना हो गया..
चाय की तफरी पर हर रोज़ साथ मुस्कुराते थे कई चेहरे।
Deleteआज घण्टो से अकेला बैठा हूँ चाय की हाथो में लेकर।
You can't prisoned your love, It should be fly high in the sky like a dove. Dear Dove your happiness is my love. Awesome, tragic ending of the story but not really the love. The real love begins from here.
ReplyDeleteI know, btt love is a word no one has understood, that's the feeling. Jise hr koi apne hisab se smjhta ar smjhata hai...
DeleteThanks for your kind review...